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सोमवार, 13 अगस्त 2018

Atropa Belladonna Linnious - इसके रासायन ह्रदय के रोगो में, फेफड़ो के रोगो में और मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र (Nervous System और Control System) के रोगो को आरोग्य करने के लिए किया जाता है।

पौधे का बैज्ञानिक नाम - इस पौधा का वैज्ञानिक नाम Atropa Belladonna Linnious है
Pic credit - Google/https://commons.wikimedia.org


विभिन्न भाषाओं में इस पौधा का प्रचलित नाम - इस पौधे को हिंदी भाषा में बेलाडोना, अंगूर शेफ़ा, बुकमुना, लुकमनी, संग अंगूर, बंगला में पबेरुज,  पंजाबी में सूचि, अरबी में उस्तसंग, संस्कृत में प्राणनाशक, कहते है।
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वंश - यह पौधा Solanaceae कुल का सदस्य है इस वंश की कुल 4 प्रजातियां है।
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निवासी - यह औषधीय एक विषैली बूटी भूमध्य क्षेत्र, दक्षिणी यूरोप और एशिया का मूल निवासी है। इंगलैंड और भारत में यह बहुत अधिक पायी जाती है। इंगलैंड, मध्य यूरोप,एशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में औषधीय कार्यो के लिए  खेती  जाती है।

पौधा का वर्णन - इस वनस्पति  विशिष्ठ लैटिन नाम एट्रोपावेलडोना का अर्थ सुन्दर नारी होता है। इस बहुवर्षीय पौधे की मांशल जड़ों का रंग भूरा होता है इसकी जड़े प्रकंदो (Rhyzomes) से उत्पन्न होती है प्रकंदो से जड़े निकलने से पूर्व वे विशेष स्थान पर चिन्हित (Dotted) हो जाते है। इस पौधे की कलियों (Buds) का रंग बैगनी होता है इसकी पत्तिया अखण्ड,हृदयाकार (Carodated) वृन्त विहीन (Sessile) होती है। इसके पौधे की ऊंचाई 4 से 5 फ़ीट तक होती है डंठल पर पत्तिया आमने सामने लगती है इसके फूलो के रंग जामुनी होते है। फल करौदे की तरह अंडाकार गोल, लेकिन आकार में उससे बड़े होते है। कच्चा की स्थिति में इसके फलो का रंग हरा, और पकने या पुष्ट होने पर रंग काला हो जाता है। फलो का रंग काला रहने के कारण ही इसका संस्कृत में नाम कृष्णफला भी है। काले चमकीले सुन्दर फलो में दो कोष्ठक होते है जिसमे गुर्दे के आकार के बीज रहते है। इसकी जड़ो की लम्बाई लगभग एक फुट और मुटाई एक से दो इंच होती है। जड़ की छाल फीकी और मटमैले रंग की होती है।

औषधीय कार्यो के लिए उपयोगित भाग - औषधीय कार्यो के लिए इस पौधे की पत्तिया और जड़े व्यवहार की जाती है। पौधे की पत्तियों से प्राप्त औषधीय पदार्थ को बेलाडोनी फोलियम (Belladonni Phollium) और इसकी जड़ो से प्राप्त औषधीय पदार्थ को (Belladonna Radix) कहा जाता है।

पौधा से प्राप्त रासायनिक यौगिक - इस औषधीय की कंद (Roots) में Hyoscyamine, Atropine, Scopolamine इसे Hyoscine भी कहते है Pyridine आदि एल्केलायड पाए जाते है। इसके अतिरिक्त विभिन्न एंजाइम और Crysatrophic acid, Tannin, और स्टार्च मुख्य घटक के रूप में पाए जाते है।
बेलाडोना की पत्तियों से प्राप्त रासायनिक पदार्थो के योग से निर्मित औषधिया खाने के लिए व्यवहार की जाती है,और इसकी जड़ो से प्राप्त रासायनिक पदार्थ को बाहर लगाने के लिए आइ ड्राफ, इअर ड्राफ या मलहम के रूप में व्यवहार की जाती है।

रासायनिक पदार्थो के गुड़ धर्म और शारीरिक क्रियाये - बेलाडोना के टिंक्चर के रूप में प्राप्त रसायन का प्रभाव श्वसन तंत्र और रक्त परिसंचरण प्रणालियों पर उत्तेजक होता है। वे श्रावक ग्रंथियों (Secretory glands) की क्रियाओ को रोकते है वे जठर (Stomach), आंतो (Intestines), गर्भाशय (Uterus), यकृत, गुर्दे, मूत्राशय, ह्रदय, फेफड़े आदि स्वैच्छिक क्रिया करने वाले अंगो पर शामक क्रिया प्रकट करती है। और इनका बाह्य व्यवहार अनैच्छिक पेशियों के आकर्ष (Constriction) या आकुंचन को रोकती है। Atropa Belladonna के रासायनिक पदार्थो का औषधीय व्यवहार ह्रदय के रोगो में, फेफड़ो के रोगो में और मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र (Nervous System और Control System) के रोगो को आरोग्य करने के लिए किया जाता है।इसके रसायन दमा को आरोग्य करने वाले होते है।  Atropa Belladonna के टिंक्चर से तैयार किया हुवा प्लास्टर फोड़े फुंसी, ग्रंथियों, कंठमाला की ग्रंथियों, पैरॉटिड ग्रंथि की सूजन ( Mumps), दूध की अधिकता के कारण स्तनों की सूजन, संधियों का सूजन इत्यादि रोगो में लगाने से लाभकारी परिणाम मिलते है।

पौधे के व्यवहार का प्रचलित स्वरुप - इस पौधे का टिंक्चर, तरल अर्क, चूर्ण, मल्हम,लोशन, प्लास्टर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।


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