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Pic credit -Google/https://en.wikipedia.org |
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विभिन्न भाषाओ में पौधे का प्रचलित नाम - इस पौधे को अंग्रेजी में Ground ivy, Haymaids ,Alroot ,लैटिन भाषा में Glechoma Hederacea or G. Hederaceum अन्य भाषा में इसके प्रचलित नाम अनुपलब्ध है।
वंश - यह पौधा Labiatae कुल का औषधीय वनस्पति है। इस कुल में इसकी लगभग 12 प्रजातियां पाई जाती है।
निवास - यह पौधा ब्रिटेन का मूल निवासी है। यह सामान्यतया यूरोप और एशिया में पाई जाती है। यह उत्तरी अमेरिका में भी पायी जाती है। यह नमी वाली बेकार भूमि पर जंगली तौर पर उगती है।
वनस्पति विन्यास का वर्णन - यह अति ही सर्वसाधारण और आसानी से पहचान वाली एक बारहमासी (perennial) औषधीय बूटी है। वस्तुतः यह छोटा किन्तु शोभायमान पौधा है। इसकी कुछ अशाखित,लत्तरदार, टहनियों की गाठो से जड़े निकल कर निचे जमीन पर आती है। जबकि कुछ शाखाएं सीधी खड़ी रहती है। इन्ही खड़ी शाखाओ पर इसके फूल लगते है। इसकी पत्तिया गुर्दे की आकार की लम्बे वृन्त पर लगती है। इन पत्तियों की ऊपरी सतह गहरे हरे रंग की और अंदर या निचे वाली सतह हल्की पिली होती है। इसकी शाखाएं पत्तियों को खुरदुरा रचना प्रदान करती है। पत्तियों की हासिया (margin) कई छोटे निकटस्थ खंडो में विभक्त होकर उनकी विशेष पहचान बनाती है। इसके चमकदार बैगनी नीले रंग के फूल 2 से 5 की संख्या में ऊपरी पत्तियों की धुरी (axis) पर घुमावदार तरीके से सजे रहते है। फूल के बाह्य दलपुंज (calyx० में 5 अदद नलिकाकार रुआ से परिपूर्ण (pilose) परिदल अखुडिया (sepals) होती है। फूल के पराग कोष (anthers) की रचना विचित्र होती है। यह कटे हुए जोड़ो (crossed pairs) में दो संधियों (joints) से सज्जे रहते है। फूल की पंखुडिया (petals) नलिकाकार दो असमान ओष्ट में तीन अदद खंडित पंखुडिया रहती है। निचे की ओष्ट में स्थित बिच वाली पंखुड़ी अपेक्षाकृत बड़ी और जिभिकाकार होती है। इसके फलो में चार अदद चिकने, अंडाकार, गोल, जिसका एक छोर नुकीला होता है। इसके बीजो का रंग गहरे काले होते है।
औषधीय कार्यो के लिए पौधे का उपयोगित भाग - औषधीय कार्यो के लिए इस पौधे का जमीन के ऊपर का सम्पूर्ण भाग उपयोग किया जाता है। पौधा का संकलन इसकी पुष्पित अवस्था में की जाती है। पौधा का पुष्पण काल जून माह का उत्तरार्ध है इसलिए इसका संकलन जून के अंत में किया जाता है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक यौगिक - इस पौधे की पत्तियों, तना, और फूलो में एक कडुआ पदार्थ (Bitter Substances), Essential oil, Tannin, Choline, Enzymes, Resin, Saponin आदि पाए जाते है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक पदार्थो के गुण धर्म एवं शारीरिक क्रियाएँ - इस पौधे से प्राप्त रसायनिक पदार्थ गुर्दो के रोगो और अपच की शिकायत की दशा में इसकी पत्तियों का उपयोग चाय के रूप में घरेलु चिकित्सा के लिए किया जाता है। अर्थात यह विषैला वनस्पति नहीं है। इसका घरेलु उपयोग निर्भय होकर किया जाता है। इसके रसायन कफ निस्सारक (Expectorant) श्वास रोगो में आरामदायक (Antitussive) होते है। फेफड़ो के सभी रोगो में इसके रसायनो की अच्छी क्रिया पाई जाती है। इसका अनुपान धातृ के दूध रिसाव को कम करता है। पीड़ा वेदनाओ को इसके रसायन आरोग्य करते है। ब्रॉन्कियल केटार (bronchial catarrh) और पेट की गड़बड़ी (Stomach disorder) को दूर करने का गुड़ इसके रसायनो में पर्याप्त है। गले के घाव और मुँह के छूत वाले रोग (Mouth infection such as mumps) को आरोग्य करने की छमता इसके रसायनो में पाई जाती है।
पौधे के व्यवहार का प्रचलित स्वरुप - औषधीय कार्यो के लिए इस पौधे की शाखाओं का क्वाथ (Decoction), टिंक्चर (Tincture), तरल सत्व (Fluide-xtract), सीरप (Syrup), चूर्ण, चाय, आदि कई रूपों में प्रयोग किया जाता है।
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