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किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT): प्रक्रिया, फायदे और कब कराएं जांच

किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) क्या है?

Kidney Function Test (KFT) chart showing blood and urine parameters for kidney health
Source: Beato | Kidney Function Test (KFT) Parameters

किडनी फंक्शन टेस्ट (Kidney Function Test) जिसे रीनल फंक्शन टेस्ट (RFT) भी कहा जाता है, एक सामान्य रक्त और मूत्र परीक्षण है। इसका उद्देश्य यह जानना है कि आपकी किडनी अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से सही तरह निकाल रही है या नहीं और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रख पा रही है या नहीं।

KFT टेस्ट में कौन-कौन सी जांचें होती हैं?

रक्त परीक्षण (Blood Tests):

  • ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (BUN) – प्रोटीन मेटाबोलिज़्म से बनने वाले यूरिया की मात्रा।

  • सीरम क्रिएटिनिन – मांसपेशियों से निकलने वाला पदार्थ, किडनी इसे फिल्टर करती है।

  • eGFR (Estimated Glomerular Filtration Rate) – किडनी की छानने की दर।

  • इलेक्ट्रोलाइट्स – जैसे कि सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम आदि।

मूत्र परीक्षण (Urine Tests):

  • प्रोटीन – पेशाब में अधिक मात्रा में प्रोटीन होना किडनी डैमेज का संकेत हो सकता है।

  • अन्य असामान्यताएं – जैसे कि रक्त कोशिकाएं, बैक्टीरिया आदि।

अन्य मापन:

  • यूरिन यूरिया – पेशाब में यूरिया का स्तर मापा जाता है।

KFT क्यों कराया जाता है?

  • किडनी रोगों का प्रारंभिक पता लगाने के लिए।

  • मधुमेह, उच्च रक्तचाप या अन्य बीमारियों का असर जानने के लिए।

  • उपचार योजना बनाने और किडनी की निगरानी के लिए।

  • दवाओं के साइड इफेक्ट्स से किडनी पर असर देखने के लिए।

KFT के सामान्य और असामान्य परिणाम

  • सामान्य परिणाम – दर्शाते हैं कि किडनी सामान्य रूप से काम कर रही है।

  • ⚠️ असामान्य परिणाम – किडनी की बीमारी, संक्रमण या क्षति का संकेत हो सकता है।

KFT टेस्ट से पहले की तैयारी

  • कुछ रक्त जांचों के लिए उपवास (फास्टिंग) आवश्यक हो सकता है।

  • मूत्र जांच के लिए स्वच्छ कंटेनर में पेशाब जमा करना होता है।

KFT के मुख्य फायदे

  • किडनी की कार्यप्रणाली की सटीक जानकारी मिलती है।

  • रोग को शुरुआती चरण में पकड़ने में मदद मिलती है।

  • इलाज की दिशा तय करने और रोग की निगरानी में सहायक।

किन लोगों को KFT टेस्ट करवाना चाहिए?

  • मधुमेह (Diabetes) और हाई ब्लड प्रेशर (BP) के मरीजों को।

  • जिनके परिवार में किडनी रोग का इतिहास हो।

  • लंबे समय से दवाइयाँ ले रहे लोग (खासकर दर्द निवारक)।

  • जिन्हें किडनी से संबंधित लक्षण हों, जैसे:

    • पेशाब की मात्रा या रंग में बदलाव

    • पैरों या चेहरे पर सूजन

    • लगातार थकान

    • भूख में कमी

निष्कर्ष

किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) एक सरल लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण जांच है जो किडनी की स्थिति का सही आकलन करता है। यदि आप किसी जोखिम समूह में आते हैं या किडनी से संबंधित कोई लक्षण महसूस करते हैं, तो यह टेस्ट करवाना अत्यंत आवश्यक है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q. KFT टेस्ट की कीमत कितनी होती है?
👉 आमतौर पर ₹300 से ₹1000 के बीच, लैब पर निर्भर करता है।

Q. क्या KFT टेस्ट करवाना दर्दनाक है?
👉 नहीं, यह सामान्य रक्त और मूत्र सैंपल देने की प्रक्रिया है।

Q. क्या KFT के लिए खाली पेट रहना जरूरी है?
👉 कुछ मामलों में हां, डॉक्टर की सलाह अनुसार।

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