पौधे का बैज्ञानिक नाम - इस पौधे का औषधीय या वैज्ञानिक नाम Avena Sativa Linnious है।
विभिन्न भाषाओ में इस पौधे का प्रचलित नाम - इस पौधे को हिंदी, बंगला, पंजाबी, उर्दू, गुजराती, में जई कहते है।
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विभिन्न भाषाओ में इस पौधे का प्रचलित नाम - इस पौधे को हिंदी, बंगला, पंजाबी, उर्दू, गुजराती, में जई कहते है।
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वंश - इस पौधे को, भारत की सम्पदा भाग एक पृष्ठ 92 , दी मैकडोनाल्ड इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ मेडिसिनल प्लांट्स पृष्ठ 52, और ए डिक्सनरी ऑफ़ प्लांट्स यूज्ड वाई मैन, पृष्ठ 70, 71, पर इसको Gramineae परिवार का सदस्य बताया गया है। परन्तु वर्तमान दशक 1991 में भारत सरकार नै दिल्ली (प्रकाशन एवं सूचना निदेशालय ) द्वारा प्रकाशित ग्रन्थ Compedium of Indian Medicinal Plants के खण्ड एक व् दो पृष्ठ 86 पर इस पौधे को Poaceae वंश का सदस्य बताया गया है।
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निवासी - यह पौधा भूमध्य स्थित क्षेत्र, यूरोप, और एशिया का मूल निवासी है यह पहाड़ी समशीतोष्ण क्षेत्रों में बहुतायत में पाया जाता है यह सम्भवतः जंगली आविना फैटुआ नामक घास का परिवर्तित रूप है। Avena Sativa यूरोप और अमेरिका का एक महत्वपूर्ण धान्य और चारा है। भारतीय जई Avena Sativa समझी जाती है। परन्तु भारत में बोई जाने वाली आविना स्टेगीलीस वेर और आविना कल्टा है जो एक आविना बैजनटीना कहलाती है। Avena Sativa केवल चारा के लिए बोई जाती है।
पौधा का वर्णन - यह एक वर्षीय खड़ी 60 सेंटीमीटर से 1.5 मीटर तक ऊंची, सगुच्छ, पोली और चिकनी तना वाली घास है। इसकी पत्तिया एकान्तर और नुकीली होती है तना पर पत्तिया विपुल मात्रा में रहती है। इसका तना खोखला और गाँठदार होता है। लम्बी पुष्प गुच्छिकाएँ रहती है शिखर पर शाखाओ की शंख्या अधिक रहती है। प्रत्येक स्पाइकाओ में दो अदद फूल रहते है और इनमे भूसा (Glumes) रहते है इसकी पत्तियों का रंग नीलाभ हरा होता है। इसका दाना 6 से 8 मिलीमीटर लम्बा रोमिल संकरा और भूसा से ढका होता है। यह मनुष्य द्वारा उपयोग किये जाने वाले सभी Grains में सबसे अधिक पोषक तत्वों से परिपूर्ण होता है।
औषधीय कार्यो के लिए उपयोगित भाग - औषधीय कार्यो के लिए इस पौधे के बीज और पत्तिया व्यवहार की जाती है। इसका संकलन ग्रीष्म और बसंत ऋतू में किया जाता है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक यौगिक - Avena Sativa के बीज में प्रोटीन ईथर, कार्बोहाइड्रेटस ,विटामिन, पेटोसेस, सेलुलोस, लिग्निन, स्टार्च, नाइट्रोजन पदार्थ, रफेज, खनिज लवण,एंजाइम और विटामिन A, B1,B2,P पाए जाते है।
रासायनिक पदार्थो के गुड़, धर्म और मानव शरीर को प्रभावित करने वाली क्रियाये - इस पौधे के रसायन शरीर पर Diuretic क्रिया करती है गुर्दे के कार्यो को बढ़ा कर शरीर के रक्त एवं रस में स्थित विजातीय पदार्थ को बाहर निकालते है। तथा रक्त एवं रस के आयतन के साथ - साथ उसके घटको की सांद्रता भी सामान्य करते है। इसके रसायन तंत्रिका तंत्र के बड़े हुवे कार्यो को सामान्यता तक कम करते है गठिया की बिमारी में Avena Sativa Linnious के टिंक्चर बहुत लाभकारी होते है। इसके पौधे के टिंक्चर के अनुपान से मनुष्य में सिगरेट पिने की इच्छा समाप्त हो जाती है।
पौधे के व्यवहार का प्रचलित स्वरुप - औषधीय कार्यो के लिए इस पौधे का क़्वाथ और टिंक्चर के रूप में प्रयोग किया जाता है।
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