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पौधे का वैज्ञानिक या औषधीय नाम - इस पौधे का वैज्ञानिक नाम Hydrastis Canadensis Linnious है।
विभिन्न भाषाओ में पौधे का प्रचलित नाम - इस पौधे को अंग्रेजी भाषा में सामान्य नाम Golden seal है। अन्य भाषाओ में इसका नाम अनुपलब्ध है।
वंश - यह वनस्पति Hydrastidaceae कुल का सदस्य है। इसकी एक जाती जापान में और एक जाती पूर्वी उत्तरी अमेरिका में पाई जाती है।
निवास - यह पूर्वी उत्तरी अमेरिका का मूल निवासी है। यह सम्पूर्ण भूमध्य समशीतोष्ण क्षेत्रों में पाई जाती है। ए डिक्सनरी ऑफ़ प्लांट्स यूज्ड वाई मैन नामक पुस्तक के पृष्ठ 311 के अनुसार इस वनस्पति के सर्वांग का उपयोग भारतीय लोगो द्वारा पिले रंग की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
वनस्पति विन्यास का वर्णन - यह एक वर्ष जीवी पौधा है। यह प्रत्येक बसंत ऋतु में पाया जाता है। यह एक लम्बा डंठल दार पौधा है। जिसमे हस्ताकार खंड वाली साधारण पत्तिया होती है। जिसमे फूल डालियो के अन्तस्थ (terminal) पर स्थित होते है। फूलो के निचे दो पत्तिया होती है। फूलो का रंग हरापन लिए हुए सफ़ेद होता है। प्रत्येक फूल में परिदल या अखुडियो की तरह तीन पुष्प दल होते है। वास्तव में इसके फूलो में पंखुड़ियों का अभाव होता है। फूलो में कई पुंकेशर युक्त मादा जननांग (carpels) होते है। इसके लाल रंग के कठोर फलो में एक से दो अदद बीज होते है। इसके फल बेरीज (berries) की तरह होते है।
औषधीय कार्यो के लिए पौधे का उपयोगित भाग - औषधीय कार्यो के लिए इस वनस्पति की जड़ उपयोग किया जाता है। इसकी जड़ो का संकलन बसंत ऋतु के अंत में और ग्रीष्म ऋतु के आरम्भ में किया जाता है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक यौगिक - इसकी जड़ो में बरबेरीन (barberin), कैनाडिन (canadine), हाइड्रैस्टिन (hydrastine) आदि अल्केलॉयड पाए जाते है। इसकी जड़ो में लौह लवण के साथ विटामिन ए, तथा सी पाए जाते है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक पदार्थो के गुण धर्म एवं शारीरिक क्रियाएँ - इस वनस्पति की जड़ो से प्राप्त सभी रसायन रक्त श्राव को रोकते है। इसमें रक्तस्कंदन (blood clotting) की अभूतपूर्व क्षमता एवं गुण होते है। औषधीय के रूप में इसका व्यवहार विशिष्ट रूप में गर्भाशय से होने वाले रक्त श्राव को रोकने के लिए, बवासीर तथा अन्य शिराओ के रक्त संचयन को (varicose veins) दूर करने के लिए किया जाता है। इसकी जड़ से प्राप्त रसायन एस्ट्रीन्जेन्ट (astringent) की क्रिया प्रकट करते है। अर्थात किसी भी ग्रंथि के अनावश्यक श्राव को रोकते है या कम करके सामान्य बनाते है। इसका उपयोग म्यूकस मेम्ब्रेन के प्रदाहिक स्थिति की चिकित्सा के लिए भी किया जाता है। इसके रसायनिक पदार्थ तंत्रिका तंत्र के माध्यम से आमाशय और ऑतो की क्रियाओ प्रभाव रख कर पाचन क्रिया सुधारते है। विटामिन ए और सी की कमी से होने वाले सभी रोगो में इसका पर्याप्त उपयोग किया जाता है।
पौधे के व्यवहार का प्रचलित स्वरुप - औषधीय कार्यो के लिए इस वनस्पति की जड़ो का क्वाथ (Decoction), टिंक्चर (Tincture), तरल सत्व (Fluide-xtract), सीरप (Syrup), मल्हम, चूर्ण आदि कई रूपों में प्रयोग किया जाता है।
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