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शनिवार, 5 जनवरी 2019

Equisetum Arvenes Linnious - इस पौधे से प्राप्त रसायन रक्त उत्पादक गुण, जल-शोथ, अम्लता ,पथरी नाशक और गुर्दो के विकारो को दूर करने के लिए किया जाता है।

Pic credit - Google/en.wikipedia.org

पौधे का वैज्ञानिक या औषधीय नाम - इस पौधे का वैज्ञानिक नाम Equisetum Arvenes Linnious है।
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विभिन्न भाषाओ में पौधे का प्रचलित नाम - इस पौधे का जातीय नाम (Generic name) "Equisetum" लैर्टिन भाषा के Equi-setum शब्द से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ Horse's name होता है। Horse's name का मतलब "घोड़े के गर्दन पर के लम्बे बाल" होता है। हिंदी में घोड़े के गर्दन पर के लम्बे बाल को "अयाल" कहा जाता है। इस पौधे का अंग्रेजी में सामान्य नाम (Common name) - Horse tail कहा जाता है। हिंदी में इसे अश्वपुच्छ, बुकी, पंजाबी में बुकी, बदकेई, मारी, नारी, स्किनग,त्रोटका, के नाम से जाना जाता है।
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वंश - यह Equiseatceae कुल की वनस्पति है। इस कुल में इसकी लगभग 23 प्रजातियां पाई जाती है इस वंश की सभी वनस्पतिया अपत्री एवं अपुष्पित (Cryptogamic) हुआ करती है।
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निवास - यह वनस्पति दलदली भूमि, नालो तथा नदियों के रेतीले किनारो पर पाया जाता है। यह यूरोप, ब्रिटेन, भारत के उच्च भूभागों में जंगली तौर पर पाई जाती है।
वनस्पति विन्यास का वर्णन - जलवत क्षेत्रों का यह बहु वर्षीय वनस्पति है इसके प्रकंद (भूमिगत तना - Rhizome) गहरे विसर्पी होते है। इसकी जड़ो से अनेक शाखाएं निकल कर भूमि के अंदर फैलती है। इसकी उलझी हुई शाखाएं खड़ी, खोखली, गठीली ऊपर की ओर निकली होती है। शाखाओं पर पत्तियों का पूर्णतः अभाव होता है। ह्रासित पत्तियां शल्की रह जाती है, जो शाखाओं की गाठों को ढकती है। शाखाओं की बाहरी छाल सिलिका से संसिक्त होती है। इस वंश की वनस्पतियो में पत्तियों और फूलों का पूर्णतः अभाव होता है। इसकी उचाई लगभग 20 से 50 सेंटीमीटर तक होती है। इसके प्रकंद से निकलने वाली शाखाओ का रंग हरा पीताभ होता है। इसकी अधिकांश जातिया विषैली होती है। परन्तु यह विषैली वनस्पति नहीं है। यह हिमालय में उचाईयो में पाई जाती है।
औषधीय कार्यो के लिए पौधे का उपयोगित भाग - औषधीय कार्यो के लिए इस वनस्पति की शाखाएं उपयोग की जाती है। इसका संकलन साल भर किसी भी समय किया जा सकता है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक यौगिक - इस वनस्पति की शाखाओ में Silicic acid, Equisetin, Equistrin, Ferox-oxide, Potassium, calcium, cloride, Enzymes, Vitamin-C, Tainin, Reasin, पाया जाता है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक पदार्थो के गुण धर्म एवं शारीरिक क्रियाएँ -  इस पौधे से प्राप्त रसायन रक्त स्तम्भक (रक्त का थक्का बनना - Blood Coagulation), और रक्त उत्पादक गुण (Haemostatic and Haemopoietic) पाए जाते है। इसके सेवन से रक्त कणिकाओं (RBC and WBC) में निश्चित रूप से वृद्धि होती है। यह जल-शोथ (सूजन -Dropsy), अम्लता (Acidity),पथरी नाशक और गुर्दो के विकारो को दूर करने के लिए किया जाता है। 
पौधे के व्यवहार का प्रचलित स्वरुप - औषधीय कार्यो के लिए इस पौधे की शाखाओं का क्वाथ (Decoction), टिंक्चर (Tincture), तरल सत्व (Fluide-xtract), सीरप (Syrup), आदि कई रूपों में प्रयोग किया जाता है।  

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