पौधे का बैज्ञानिक नाम - इस पौधा का वैज्ञानिक या औषधीय नाम - Cimicifuga Racemosa Linnious है।
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विभिन्न भाषाओ में वनस्पति का प्रचलित नाम - इस पौधे को हिंदी और पंजाबी में जीउन्ती, संस्कृत में मत्कुणारी, और अंग्रेजी भाषा में Black Cohosh, Black Snak Root, कहा जाता है।
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वंश - यह वनस्पति Ranunculaceae कुल का सदस्य है इस कुल में इसकी लगभग 15 जातिया पायी जाती है।
निवास - यह उत्तरी भूमध्य का मूल निवासी है उत्तरी अमेरिका के पूर्वी देशो में यह आम तौर पर पाया जाता है। यूरोप और चीन के साथ साथ यह एशिया में भी पाया जाता है। यह भारत में भी समतल और निचली भूभागों में सामान्य रूप से पाया जाता है।
पौधा का वर्णन - यह एक बहुवर्षीय औषधीय बूटी वाला पौधा है इसकी जड़े या प्रकन्द (Rhizome) गहरी भूमि, माँसल और लतरदार (Creeping) होती है। इस पौधे की औसत ऊंचाई लगभग 5 फिट होती है। इसकी डालिया या टहनियाँ कोमल (Delicate) और कोण वाली (Angular) मुड़ी हुई होती है। इसकी आधार और डाली वाली पत्तिया द्री-त्रियक एकान्तर (Bitriternate) होती है। इसकी पत्तियों के साथ नोकदार तीन छोटी छोटी सहपत्रिया (Leaflates) होती है। इसके सफ़ेद फूल गुच्छो में खिलते है। प्रत्येक फूल के बाह्य दलपुंज (Calyx) में 4 से 5 अदद परिदल (Sepalle) होते है। द्द्यपि की इसके फूलो में पंखुडिया (Petals) अभाव रहता है फिर भी यदि वे रहते है तो उनकी सजावट 1 से 8 की अदद में ताश के पत्तियों के चिड़ी के तरह ( Club-shaped) रहती है। इनके फूल एक लम्बी डाली (Spike) पर लगते है। इनके फलो के रंग पीले होते है जिनके बीज कोष में कई अदद बीज होते है।
वनस्पति का औषधीय उपयोगित अंग - औषधीय कार्य के लिए इस वनस्पति के प्रकन्द (Rizome) व्यवहार किये जाते है। इनका संग्रहण प्रकंदो के परिपक्व के बाद किया जाता है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक यौगिक - इस पौधे के प्रकंद से Palmitic acid, Oleic acid, Salicylic acid, Bittersubstances, Phytosterol, Emzymes, Saponin, Tannin, आदि रासायनिक पदार्थ पाए जाते है।
रासायनिक पदार्थो के गुण, धर्म और शारीरिक क्रियाएं - शरीर पर इसके रसायनो की स्वेदकारी (Diaphoretic) और मूत्रल (Diuretic) क्रियाएँ होती है। ये उपदंश के विष को दूर करने वाले गुण, धर्म, और क्रियाएँ रखते है। इस वनस्पति के प्रकंदो का क्वाथ भूख को बढ़ाता है और ह्रदय को बल प्रदान करता है।
इस वनस्पति से प्राप्त रसायन श्वसन संस्थान के क्षय (T.B.) रोग , ह्रदय का दर्द ( Anginal pain or Anginapectoris), कुक्कुरखांसी (Whooping cough), हिस्टेरिया और नर्तन रोग (Choreadance), को दूर करने वाली होती है।
इसके रसायन संधियों की सूजन (Arthritis), गृध्रसी (Sciatica), कमर का अकड़ जाना (Lumbago),और कष्टप्रद मासिक स्राव में अति उपयोगी है। इसकी स्थूल मात्रा शरीर को भारी नुकसान प्रदान करते है।
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