Ledum Palustre Linnious: वैज्ञानिक विवरण, निवास, रासायनिक यौगिक एवं औषधीय उपयोग
पौधे का वैज्ञानिक या औषधीय नाम - इस पौधे का वैज्ञानिक नाम Ledum Palustre Linnious है।
विभिन्न भाषाओ में पौधे का प्रचलित नाम - इस वनस्पति का अंग्रेजी भाषा में सामान्य नाम क्रिस्टल टी लेडम (crystal tea ledum) है। अन्य भाषाओ में इसके नाम अनुपलब्ध है। आर्कटिक प्रदेशो के वासी इसकी पत्तियों को चाय के रूप में व्यवहार करते है।
वंश - यह erieaceae कुल का औषधीय एवं घरेलु उपयोगी बूटी है। इस कुल में इसकी लगभग 10 प्रजातियां पायी जाती है।
निवास - यह वनस्पति उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के शीत कटिबन्धिय प्रदेशो का मूल निवासी है। यह प्रायः उत्तरी आर्कटिक प्रदेशो तथा उत्तरी अमेरिका के उत्तरी प्रदेशो में पाई जाती है। इसके टिंक्चर भारत में विदेशो से आयात किये जाते है।
वनस्पति विन्यास का वर्णन - यह एक सदा हरित औषधीय बूटी है इसके पौधे की उचाई लगभग तीन फ़ीट तक होती है। इसकी पत्तिया गहरे हरे रंग की होती है। शाखाओ पर पत्तिया एकान्तर लगती है। इसके फूलो का रंग सफ़ेद और हल्का पीला अर्थात हल्का क्रीमी रंग का होता है। इसके फूल घने गुच्छो में लगते है। फूलो की पंखुडिया पृथक पृथक रहती है। शाखाओ के शीर्ष पर फूल प्रायः ग्रीष्म ऋतु के अंत में (जून-जुलाई) तथा वर्षा ऋतु के आरम्भ में खिलते है। इसके आयताकार सम्पुटिका स्वरुप फलो में चपटे और संकीर्ण बीज होते है।
औषधीय कार्यो के लिए पौधे का उपयोगित भाग - औषधीय कार्यो के लिए प्रौढ़ पौधे की पत्तियों सहित पुष्पित शाखाग्र उपयोग किया जाता है। इसका संकलन इसके पुष्पन काल जून जुलाई माह में किया जाता है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक यौगिक - इस पौधे की पत्तियों और पुष्पित शाखाग्र से प्राप्त रसायनिक पदार्थ essential oil, ledum camphor, arbutine, flavone, glycosides, tannin, enzymes, pectine, citric acid आदि कई औषधीय उपयोगी रसायन पाए जाते है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक पदार्थो के गुण धर्म एवं शारीरिक क्रियाएँ - इस पौधे से प्राप्त रसायनिक पदार्थ ऋतु श्राव नियामक (emmenagogic), कफोत्सारक, उद्देष्ठ रोधी (antispasmodic), और स्वेदकारी (diaphoretric) क्रिया वाले होते है। इसके रसायन रक्त चाप, मधुमेह, गठिया आदि जैसे रोगो को आरोग्य करते है। इसके रासायनिक पदार्थो की क्रिया पियूष ग्रंथि तथा जननांगो की क्रियाओ को नियमित करने वाली हार्मोन्स की ग्रंथियों पर सीधा और प्रत्यक्ष क्रिया पाई जाती है। इसके रसायन हमारे शरीर के तरल (body fluid = lymph & blood) को स्टीडी स्टेट में बनाए रखते है।
पौधे के व्यवहार का प्रचलित स्वरुप - औषधीय कार्यो के लिए इस पौधे की पत्तिया और पुष्पित शाखाग्र का क्वाथ (Decoction), टिंक्चर (Tincture), तरल सत्व (Fluide-xtract), सीरप (Syrup), चूर्ण आदि कई रूपों में प्रयोग किया जाता है।
विभिन्न भाषाओ में पौधे का प्रचलित नाम - इस वनस्पति का अंग्रेजी भाषा में सामान्य नाम क्रिस्टल टी लेडम (crystal tea ledum) है। अन्य भाषाओ में इसके नाम अनुपलब्ध है। आर्कटिक प्रदेशो के वासी इसकी पत्तियों को चाय के रूप में व्यवहार करते है।
वंश - यह erieaceae कुल का औषधीय एवं घरेलु उपयोगी बूटी है। इस कुल में इसकी लगभग 10 प्रजातियां पायी जाती है।
निवास - यह वनस्पति उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के शीत कटिबन्धिय प्रदेशो का मूल निवासी है। यह प्रायः उत्तरी आर्कटिक प्रदेशो तथा उत्तरी अमेरिका के उत्तरी प्रदेशो में पाई जाती है। इसके टिंक्चर भारत में विदेशो से आयात किये जाते है।
वनस्पति विन्यास का वर्णन - यह एक सदा हरित औषधीय बूटी है इसके पौधे की उचाई लगभग तीन फ़ीट तक होती है। इसकी पत्तिया गहरे हरे रंग की होती है। शाखाओ पर पत्तिया एकान्तर लगती है। इसके फूलो का रंग सफ़ेद और हल्का पीला अर्थात हल्का क्रीमी रंग का होता है। इसके फूल घने गुच्छो में लगते है। फूलो की पंखुडिया पृथक पृथक रहती है। शाखाओ के शीर्ष पर फूल प्रायः ग्रीष्म ऋतु के अंत में (जून-जुलाई) तथा वर्षा ऋतु के आरम्भ में खिलते है। इसके आयताकार सम्पुटिका स्वरुप फलो में चपटे और संकीर्ण बीज होते है।
औषधीय कार्यो के लिए पौधे का उपयोगित भाग - औषधीय कार्यो के लिए प्रौढ़ पौधे की पत्तियों सहित पुष्पित शाखाग्र उपयोग किया जाता है। इसका संकलन इसके पुष्पन काल जून जुलाई माह में किया जाता है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक यौगिक - इस पौधे की पत्तियों और पुष्पित शाखाग्र से प्राप्त रसायनिक पदार्थ essential oil, ledum camphor, arbutine, flavone, glycosides, tannin, enzymes, pectine, citric acid आदि कई औषधीय उपयोगी रसायन पाए जाते है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक पदार्थो के गुण धर्म एवं शारीरिक क्रियाएँ - इस पौधे से प्राप्त रसायनिक पदार्थ ऋतु श्राव नियामक (emmenagogic), कफोत्सारक, उद्देष्ठ रोधी (antispasmodic), और स्वेदकारी (diaphoretric) क्रिया वाले होते है। इसके रसायन रक्त चाप, मधुमेह, गठिया आदि जैसे रोगो को आरोग्य करते है। इसके रासायनिक पदार्थो की क्रिया पियूष ग्रंथि तथा जननांगो की क्रियाओ को नियमित करने वाली हार्मोन्स की ग्रंथियों पर सीधा और प्रत्यक्ष क्रिया पाई जाती है। इसके रसायन हमारे शरीर के तरल (body fluid = lymph & blood) को स्टीडी स्टेट में बनाए रखते है।
पौधे के व्यवहार का प्रचलित स्वरुप - औषधीय कार्यो के लिए इस पौधे की पत्तिया और पुष्पित शाखाग्र का क्वाथ (Decoction), टिंक्चर (Tincture), तरल सत्व (Fluide-xtract), सीरप (Syrup), चूर्ण आदि कई रूपों में प्रयोग किया जाता है।