वनस्पति का वैज्ञानिक या औषधीय नाम - Conium Maculatum Linnious है।
विभिन्न भाषाओ में इस वनस्पति का प्रचलित नाम - अंग्रेजी भाषा में इसे Hemlock और हिंदी भाषा में खुरसानी अजवायन, वन अजवायन, या जंगली अजवायन,अजगन्धिका कहा जाता है।
वंश - जार्ज उशर ने अपने ग्रन्थ 'ए डिक्शनरी ऑफ़ प्लांट्स यूज्ड वाई मैन' के पृष्ठ 171 पर इस वनस्पति को Umbellifarae वंश का वनस्पति बताया गया है। परन्तु वर्त्तमान दशक 1991 में प्रकाशन एवं सूचना निदेशालय नई दिल्ली भारत सरकार द्वारा प्रकाशित ग्रन्थ कोम्पेंडियम ऑफ़ इंडियन मेडीसीनल प्लांट के खण्ड 1 पृष्ठ 119 पर इस वनस्पति को Apiaceae कुल का सदस्य बताया गया है।
निवास - यह औषधीय वनस्पति ब्रिटेन का मूल निवासी है यह सामान्यतया इंग्लैण्ड और यूरोपीय देशों में पायी जाती है। यह एशिया, दक्षिणी अफ्रीका में भी पायी जाती है। इस वनस्पति को छोड़ कर इस वंश की पांच जातिया भारत में उपलब्ध है। यह भारत में विदेशो से आयात की जाती है।
वनस्पति विन्यास का वर्णन - यह द्रिवर्षीय, घना, झाड़ीनुमा, शाकीय पौधा है। इसकी जड़े तर्कुलाकार, मोटी और उजली होती है। इसका तना बेलनाकार, बहुशाखीय, हल्के हरे रंग का खोखला होता है तना की हरियाली पर लाल रंग युक्त चिन्ह होते है। इसकी मौलिक पत्तिया परदार होती है जो खोखली पंतवृन्त द्वारा मुख्य या साखीय तना से जुडी रहती है। इसकी पत्तिया छतनार और दंतुर होती है पत्तियों की ऊपरी सतह गहरी हरे रंग की होती है लेकिन निचे की सतह अपेक्षाकृत हल्का होता है। इसकी पत्तियों का किनारा कटी हुयी और नोकदार होती है। इसके फूल छत्तेदार 10 से 20 की संख्या में होते है फूलो का रंग सफ़ेद या गुलाबी सफ़ेद होता है। इसके फल गोल और हल्के पिले रंग के होते है। इसके सम्पूर्ण पौधे से एक विशेष प्रकार की तीखा गंध निकलता है।
औषधीय कार्य हेतु वनस्पति का उपयोगित भाग - औषधीय कार्यो के लिए इसकी पत्तिया व्यवहार की जाती है। इसकी पत्तियों का संग्रहण ग्रीष्म ऋतू में किया जाता है।
वनस्पति से प्राप्त रासायनिक पदार्थ - इस वनस्पति की पत्तियों में Alkaloids, Cicutine,Methylconicine, Conhydrine,Pseudoconhydrine,Gum, Pectin, Resin, Vitamin A, Caffeic acid, Acetic acid, Salts, Enzymes, Coniine, आदि पाए जाते है।
रासायनिक पदार्थो के गुण धर्म और शारीरिक क्रियाये - इस वनस्पति से प्राप्त रासायनिक पदार्थ दर्दनाशक (Anodyne), वेदना नाशक (Analgesic), वातदर्द नाशक (Anti Neuralgic), मांसपेशियों की ऐठन रोधी और दर्द नाशक (Antispasmodic), धात्री महिलाओ के दूध के श्राव को कम करने वाले आदि क्रियाओ वाले होते है।
वनस्पति के व्यवहार का प्रचलित स्वरुप - औषधीय कार्य के लिए इस वनस्पति का चूर्ण, टिंक्चर, सीरप, तरल, मल्हम, आदि कई रूपों में उपयोग किया जाता है। यह एक अति विषैली क्रिया प्रकट करने वाली औषधीय वनस्पति है।
Pic credit- Google/https://commons.wikimedia.org |
विभिन्न भाषाओ में इस वनस्पति का प्रचलित नाम - अंग्रेजी भाषा में इसे Hemlock और हिंदी भाषा में खुरसानी अजवायन, वन अजवायन, या जंगली अजवायन,अजगन्धिका कहा जाता है।
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वंश - जार्ज उशर ने अपने ग्रन्थ 'ए डिक्शनरी ऑफ़ प्लांट्स यूज्ड वाई मैन' के पृष्ठ 171 पर इस वनस्पति को Umbellifarae वंश का वनस्पति बताया गया है। परन्तु वर्त्तमान दशक 1991 में प्रकाशन एवं सूचना निदेशालय नई दिल्ली भारत सरकार द्वारा प्रकाशित ग्रन्थ कोम्पेंडियम ऑफ़ इंडियन मेडीसीनल प्लांट के खण्ड 1 पृष्ठ 119 पर इस वनस्पति को Apiaceae कुल का सदस्य बताया गया है।
Pic credit - Google/https://oregonstate.edu |
निवास - यह औषधीय वनस्पति ब्रिटेन का मूल निवासी है यह सामान्यतया इंग्लैण्ड और यूरोपीय देशों में पायी जाती है। यह एशिया, दक्षिणी अफ्रीका में भी पायी जाती है। इस वनस्पति को छोड़ कर इस वंश की पांच जातिया भारत में उपलब्ध है। यह भारत में विदेशो से आयात की जाती है।
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वनस्पति विन्यास का वर्णन - यह द्रिवर्षीय, घना, झाड़ीनुमा, शाकीय पौधा है। इसकी जड़े तर्कुलाकार, मोटी और उजली होती है। इसका तना बेलनाकार, बहुशाखीय, हल्के हरे रंग का खोखला होता है तना की हरियाली पर लाल रंग युक्त चिन्ह होते है। इसकी मौलिक पत्तिया परदार होती है जो खोखली पंतवृन्त द्वारा मुख्य या साखीय तना से जुडी रहती है। इसकी पत्तिया छतनार और दंतुर होती है पत्तियों की ऊपरी सतह गहरी हरे रंग की होती है लेकिन निचे की सतह अपेक्षाकृत हल्का होता है। इसकी पत्तियों का किनारा कटी हुयी और नोकदार होती है। इसके फूल छत्तेदार 10 से 20 की संख्या में होते है फूलो का रंग सफ़ेद या गुलाबी सफ़ेद होता है। इसके फल गोल और हल्के पिले रंग के होते है। इसके सम्पूर्ण पौधे से एक विशेष प्रकार की तीखा गंध निकलता है।
औषधीय कार्य हेतु वनस्पति का उपयोगित भाग - औषधीय कार्यो के लिए इसकी पत्तिया व्यवहार की जाती है। इसकी पत्तियों का संग्रहण ग्रीष्म ऋतू में किया जाता है।
वनस्पति से प्राप्त रासायनिक पदार्थ - इस वनस्पति की पत्तियों में Alkaloids, Cicutine,Methylconicine, Conhydrine,Pseudoconhydrine,Gum, Pectin, Resin, Vitamin A, Caffeic acid, Acetic acid, Salts, Enzymes, Coniine, आदि पाए जाते है।
रासायनिक पदार्थो के गुण धर्म और शारीरिक क्रियाये - इस वनस्पति से प्राप्त रासायनिक पदार्थ दर्दनाशक (Anodyne), वेदना नाशक (Analgesic), वातदर्द नाशक (Anti Neuralgic), मांसपेशियों की ऐठन रोधी और दर्द नाशक (Antispasmodic), धात्री महिलाओ के दूध के श्राव को कम करने वाले आदि क्रियाओ वाले होते है।
वनस्पति के व्यवहार का प्रचलित स्वरुप - औषधीय कार्य के लिए इस वनस्पति का चूर्ण, टिंक्चर, सीरप, तरल, मल्हम, आदि कई रूपों में उपयोग किया जाता है। यह एक अति विषैली क्रिया प्रकट करने वाली औषधीय वनस्पति है।
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