पौधे का बैज्ञानिक नाम - पौधे का वैज्ञानिक नाम Anthemis Nobilis Linnious है इसको हिंदी भाषा में कैमोमिल कहा जाता है।
वंश - A Dictionary of Plants Usd by Man, Page 50,.The Macdonald Encyclopedia Plants Page 30 की सम्पदा भाग - 1 पृष्ठ 200 के मुताबिक़ इस पौधे को Compositia वंश का बताया गया है। लेकिन Central Drug Research Institute, Lucknow और Publication and Information Directotate, New Delhi द्वारा 1991 में प्रकाशित Compedium of Indian Medicinal Plants के खण्ड 1 पृष्ट 37 तथा खण्ड 2 पृष्ट 55 पर इस बूटी को Asteraceae परिवार का सदस्य बताया है।
निवासी - यह पौधा यूरोप और भूमध्य क्षेत्रों का मूल निवासी है यह परसिया और उत्तरी भारत में बहुतयातबरूप से पायी जाती है।
पौधे का वर्णन - यह एक बहुवर्षीय सुगन्धित पौधा है पृथ्वी पर इसकी करीब 200 प्रजातियां पायी जाती है यह एक बहुशाखित उर्ध्वाधार शाकीय (Herberious) बूटी है। इस पौधे की उचाई लगभग 40 सेंटीमीटर होती है। इसकी निचली पत्तिया वृन्त युक्त और ऊपर की पत्तिया वृन्त विहीन होती है। इसकी सभी पत्तिया द्रीपरदार और खंडित होती है। पत्तियों के शीर्ष का व्यास लगभग 20 से 25 मिलीमीटर होती है परिधिस्थ मादा पुष्पों की पंखुडिया जिभिकाकार और रंग में सफ़ेद होती है पुष्पों का मध्य भाग नलिकाकार और रंग में पीला होता है इसके फलो का रंग पीलापन लिए हुवे हरा, एक बीज वाला और अंडाकार होता है।
औषधीय कार्य के लिए पौधे का उपयोगित अंग - औषधीय कार्यो के लिए इस बूटी का पुष्पित शाखाग्र व्यवहार किये जाते है औषधीय हेतु इस पौधे का संकलन ग्रीष्म ऋतू में किया जाता है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक यौगिक - इस पौधे के पुष्पित शाखाग्र में Ethereal oil, Iso Butyric Acid,Methyl crotonic acid, Azuline, Anthosterol, Anthosterine,Glucosides, Anthimic acid, free fatty acids, Inositol,Essence, पाए जाते है।
रासायनिक पदार्थो के गुड़, धर्म और मानव शरीर को प्रभावित करने वाली क्रियाये - इससे प्राप्त रासायनिक पदार्थ कष्ट दायक दाँत का निकलना,स्तन प्रदाह (Mastitis), गलसुआ (Mumps), जोड़ो का दर्द (Rheumatism), सायटिका का दर्द (Sciatica), तंत्रिकाओं के लिए टॉनिक , के साथ बदहजमी, ऐठन, पेट दर्द, दमा और खासी के लिए प्रयोग में लायी जाती है।
पौधे के व्यवहार का प्रचलित स्वरुप - औषधीय कार्य के लिए इस बूटी का पुष्पित शीर्ष Infusion, अर्क (Essence), टिंक्चर सिरप, चूर्ण, तरल निष्कर्ष, तथा क्वाथ के रूप में किया जाता है।
Pic credit - Google/https://de.wikipedia.org |
वंश - A Dictionary of Plants Usd by Man, Page 50,.The Macdonald Encyclopedia Plants Page 30 की सम्पदा भाग - 1 पृष्ठ 200 के मुताबिक़ इस पौधे को Compositia वंश का बताया गया है। लेकिन Central Drug Research Institute, Lucknow और Publication and Information Directotate, New Delhi द्वारा 1991 में प्रकाशित Compedium of Indian Medicinal Plants के खण्ड 1 पृष्ट 37 तथा खण्ड 2 पृष्ट 55 पर इस बूटी को Asteraceae परिवार का सदस्य बताया है।
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निवासी - यह पौधा यूरोप और भूमध्य क्षेत्रों का मूल निवासी है यह परसिया और उत्तरी भारत में बहुतयातबरूप से पायी जाती है।
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पौधे का वर्णन - यह एक बहुवर्षीय सुगन्धित पौधा है पृथ्वी पर इसकी करीब 200 प्रजातियां पायी जाती है यह एक बहुशाखित उर्ध्वाधार शाकीय (Herberious) बूटी है। इस पौधे की उचाई लगभग 40 सेंटीमीटर होती है। इसकी निचली पत्तिया वृन्त युक्त और ऊपर की पत्तिया वृन्त विहीन होती है। इसकी सभी पत्तिया द्रीपरदार और खंडित होती है। पत्तियों के शीर्ष का व्यास लगभग 20 से 25 मिलीमीटर होती है परिधिस्थ मादा पुष्पों की पंखुडिया जिभिकाकार और रंग में सफ़ेद होती है पुष्पों का मध्य भाग नलिकाकार और रंग में पीला होता है इसके फलो का रंग पीलापन लिए हुवे हरा, एक बीज वाला और अंडाकार होता है।
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औषधीय कार्य के लिए पौधे का उपयोगित अंग - औषधीय कार्यो के लिए इस बूटी का पुष्पित शाखाग्र व्यवहार किये जाते है औषधीय हेतु इस पौधे का संकलन ग्रीष्म ऋतू में किया जाता है।
पौधे से प्राप्त रासायनिक यौगिक - इस पौधे के पुष्पित शाखाग्र में Ethereal oil, Iso Butyric Acid,Methyl crotonic acid, Azuline, Anthosterol, Anthosterine,Glucosides, Anthimic acid, free fatty acids, Inositol,Essence, पाए जाते है।
रासायनिक पदार्थो के गुड़, धर्म और मानव शरीर को प्रभावित करने वाली क्रियाये - इससे प्राप्त रासायनिक पदार्थ कष्ट दायक दाँत का निकलना,स्तन प्रदाह (Mastitis), गलसुआ (Mumps), जोड़ो का दर्द (Rheumatism), सायटिका का दर्द (Sciatica), तंत्रिकाओं के लिए टॉनिक , के साथ बदहजमी, ऐठन, पेट दर्द, दमा और खासी के लिए प्रयोग में लायी जाती है।
पौधे के व्यवहार का प्रचलित स्वरुप - औषधीय कार्य के लिए इस बूटी का पुष्पित शीर्ष Infusion, अर्क (Essence), टिंक्चर सिरप, चूर्ण, तरल निष्कर्ष, तथा क्वाथ के रूप में किया जाता है।
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